Vinay Patel

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जीवन दर्शन

क्यों रोते हो क्यों सोते हो
हाथ फैला कर जीवन में अपने
बहुमूल्य समय क्यों खोते हो
जब ईश्वर ने दे दी है शक्ति अपार

परिभाषा दें परिश्रम की आज
भर दे मन को उत्साह से आज
मन में रचा बसा है संसार
कल्पना से खोलें ज्ञान के द्वार

शांति दया प्रेम विवेक
परिश्रम से लाए परिणाम अनेक
लाता हूं खुशियों का पैगाम
करते हैं जो जीवन गणित-विज्ञान के नाम

वंदना विनय विवेक विकास
जाने अंतरिक्ष की सीमा आज
अंतहीन है प्रभु का साम्राज्य
बढ़ाते हैं उत्साह हमारा आज





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4 Comments

Mukesh Duhan

04-Jun-2023 07:05 PM

Nice ji

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बहुत सुन्दर

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वानी

04-Jun-2023 11:41 AM

खूब

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